Sunday 6 December 2015

Chakrvartin Asoka Samrat

साला कल गलती से चक्रवर्तिन अशोक सम्राट का एक episode देख लिया, मेरा तो दिमाग की दही हो गयी। मन तो कर रहा था Monitor को तोड़ के फेक दूँ। हैरानी की बात ये है अभी तक किसी Historian ने उसपे Case क्यों नही कर दिया ?? ये लोग सरासर हमारे भारतीय इतिहास के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं
सबसे बड़ी बात चाणक्य और अशोक कभी भी एक दूसरे से मिले ही नही थे। चन्द्रगुप्त चाणक्य को जब मिले थे तब वो 8-9 साल के थे। चाणक्य का जन्म हुआ 371 B.C. में, चन्द्रगुप्त का 340 B.C. में, बिन्दुसार का 320 B.C. और अशोक का 304 B.C. में हुआ था। 
और चाणक्य का आखरी बार History में mention:- चन्द्रगुप्त के राजा बनने के कुछ सालों बाद वो राक्षसाचार्य को उसका main advisor नियुक्त करके वापिस जंगले में चले गए थे, चाणक्य के बाद वो ही मगध का सबसे वफादार आदमी था और चाणक्य एक दिन भी राजमहल में नही रहे थे। 
चाणक्य ने चन्द्रगुप्त से मिलने से पहले ही अपनी पुस्तक कौटिल्य अर्थशास्त्र पूरी लिखली थी। 
हेलेना और चन्द्रगुप्त की शादी हुई थी 303 B.C. में, तब बिन्दुसार की उम्र 17 साल थी और जस्टिन नाम के किसी भी व्यक्ति का mention मौर्यवंश की history में नही है और अगर हेलेना का कोई पुत्र होता भी तो वो बिन्दुसार और अशोक दोनों से छोटा होता, और हाँ उसका नाम जस्टिन तो कभी नही होता!!! पिता भारतीय और नाम जस्टिन ???
हेलेना को तो इसमें सबसे बुरा दिखाया गया है लेकिन असलियत में इसकी बिलकुल विपरीत थी।  

Selecus Nicator(हेलेना के पिताजी) ने कभी भी, चन्द्रगुप्त या बिन्दुसार का उत्तराधिकारी कौन होगा? इस विषय में कोई दखलन्दाजी नही करी। उनके पास मगध की राजनीति में अपनी टांग अड़ाने के अलावा और भी ज़रूरी काम थे। बिन्दुसार और उनके बीच बहुत अच्छे सम्बंध थे।  
धर्मा बिन्दुसार की सबसे प्रिय पत्नी नही थी। उसे कभी भी बिन्दुसार से इतना सम्मान/प्रेम नही मिला जितना इसमें दिखाया गया है। अशोक का जन्म राजमहल में ही हुआ था जंगल में नही और सबको पहले से ही पता था अशोक बिन्दुसार का पुत्र है। धर्मा और बिन्दुसार का एक और पुत्र था – विट्टाशोक,अशोक का (सगा)छोटा भाई
बिंदुसार को सबसे प्रिय अपना सबसे बड़ा पुत्र सुषुम्न था, अशोक नही। बिन्दुसार हमेशा से ही चाहते थे की सुषुम्न अगला सम्राट बने। अशोक जन्म से ही असुन्दर था इसीलिए उसे बिन्दुसार से हमेशा तिरस्कार ही मिला। बिन्दुसार ने कभी भी अशोक को पसंद नही किया। उन्होंने अशोक को अवन्ती(आज का उज्जैन) का governor नियुक्त किया था। सुषुम्न और अशोक के बीच मतभेद थे। अशोक ने अपने 99 भाइयों को मारके मगध का सिंहासन जीता था। बहुत से ऐतिहासिक उल्लेखों में लिखा है कि अशोक ने सिंहासन पाने के लिए खून की नदियाँ बहा दी थी।  
अशोक के बचपन के बारे में ऐतिहासिक ग्रंथो में ज्यादा कुछ नही मिला है। वो बहुत ही उग्र स्वाभाव का था। अशोक अपने समय का सबसे क्रूर और निर्दयी व्यक्ति/राजा था और एक बहुत ही अच्छा शिकारी और योद्धा। उसकी क्रूरता के कारण उसका नाम चण्डा-अशोक पड़ गया था। लेकिन यहाँ पे तो मगध का मसीहा और पता नही क्या-क्या अखण्ड चुतियापा दिखाया है। कलिंग के युद्ध के बाद हुए विनाश और बौद्ध भिक्षुओं को युद्ध पीड़ितों की मदद करता देख उसका हृदय परिवर्तन हुआ। उसने हिंसा त्याग दी और कभी भी शस्त्र ना उठाने का प्रण लिया और बौद्ध धर्म को अपना लिया। उसके बाद से देवनामप्रिय प्रियदर्शी-अशोक के नाम से बुलाया जाने लगा। लेकिन इसमें तो अशोक को पहले ही इतना अच्छा दिखा दिया है कि पता नही कलिंग के युद्ध के बाद कैसा दिखायेंगे??
मतलब ये TRP के भूखे Serial वालों ने public को उल्लू समझ रखा है !!!! कुछ भी बकवास दिखायेंगे। इस serial में अबतक दिखाये गए एक भी episode में दिखाई गयी एक भी घटना सत्य नही है, सारी की सारी पूर्णतः काल्पनिक है। इन shows और सास-बहु वाले Daily Soaps में कोई फर्क नही है। मेरे हिसाब से सरकार को और कुछ Ban करे ना करे ऐसे shows जरुर Ban करदे। मेरी सबको यही सलाह है कि ऐसे stupid से Historical/mythological shows ना देंखे और खासकर बच्चों को ना देखने दें क्यूंकी बच्चो पर TV का बहुत असर पड़ता है।